जब हम भाषा सीखने की बात करते हैं, तो दो प्रमुख दृष्टिकोण होते हैं – स्पष्ट (Explicit) और अस्पष्ट (Implicit). ये दोनों तरीके भाषा सीखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, लेकिन इनके बीच के अंतर को समझना भी उतना ही ज़रूरी है। इस लेख में, हम इन दोनों दृष्टिकोणों की गहराई में जाएंगे और देखेंगे कि कैसे ये अंग्रेजी भाषा की बारीकियों को समझने में मदद करते हैं।
### स्पष्ट दृष्टिकोण (Explicit Approach)
स्पष्ट दृष्टिकोण में भाषा के नियमों को सीधे, स्पष्ट और विस्तार से समझाया जाता है। यह दृष्टिकोण भाषा के संरचनात्मक पहलू पर जोर देता है।
उदाहरण:
– “He eats” और “He is eating” के बीच का अंतर स्पष्ट रूप से समझाया जाता है। पहला वाक्य साधारण वर्तमान काल में है जबकि दूसरा वाक्य वर्तमान प्रगतिशील काल में है।
– “Affect” और “Effect” के बीच के भिन्नता को विस्तार से बताया जाता है। “Affect” एक क्रिया है जिसका मतलब होता है प्रभावित करना, जबकि “Effect” एक संज्ञा है जिसका मतलब होता है परिणाम।
स्पष्ट दृष्टिकोण नए भाषा सीखने वालों के लिए अधिक उपयोगी होता है क्योंकि यह उन्हें भाषा के मूलभूत तत्वों की गहराई से समझ प्रदान करता है।
### अस्पष्ट दृष्टिकोण (Implicit Approach)
अस्पष्ट दृष्टिकोण में, भाषा सीखने वाले को भाषा के नियमों के बारे में सीधे नहीं बताया जाता, बल्कि उन्हें भाषा के प्राकृतिक उपयोग के माध्यम से सीखने को प्रोत्साहित किया जाता है।
उदाहरण:
– “Can you help me?” के बजाय, वक्ता कह सकता है “Could you lend me a hand?” इससे सीखने वाले को समझने का मौका मिलता है कि “lend a hand” का मतलब मदद करना होता है।
– “It’s raining cats and dogs.” यह वाक्यांश सीखने वाले को अंग्रेजी में अतिशयोक्ति का उपयोग समझाने में मदद करता है।
अस्पष्ट दृष्टिकोण मध्यम से उन्नत स्तर के भाषा सीखने वालों के लिए अधिक उपयोगी होता है, क्योंकि यह उन्हें भाषा के अधिक प्राकृतिक और सहज उपयोग के लिए प्रेरित करता है।
### स्पष्ट और अस्पष्ट दृष्टिकोण का संयोजन
भाषा सीखने के लिए सबसे प्रभावी दृष्टिकोण वह है जो स्पष्ट और अस्पष्ट दोनों तरीकों का संतुलित मिश्रण प्रदान करता है। इससे सीखने वालों को भाषा के नियमों की गहरी समझ भी मिलती है और वे भाषा का प्राकृतिक रूप से उपयोग करना भी सीखते हैं।
उदाहरण:
– एक शिक्षक वाक्य रचना के नियमों को स्पष्ट रूप से समझा सकता है और फिर छात्रों को कहानियाँ सुनाकर या चर्चा में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।
अंत में, भाषा सीखने की प्रक्रिया में स्पष्ट और अस्पष्ट दोनों दृष्टिकोणों का महत्व है। एक शिक्षक के रूप में, हमें इन दोनों दृष्टिकोणों का समझदारी से उपयोग करना चाहिए ताकि छात्रों को भाषा की गहरी समझ मिल सके और वे इसे प्राकृतिक रूप से उपयोग करना सीख सकें।