अरबी भाषा में कई मुहावरेदार अभिव्यक्तियाँ हैं, जो बोलचाल की भाषा में विचारों और भावनाओं को प्रभावी ढंग से व्यक्त करने के लिए प्रयोग की जाती हैं। यहाँ कुछ लोकप्रिय अरबी मुहावरों के अर्थ और उदाहरण दिए गए हैं:
إن العين لا تعلو على الحاجب (आंख कभी भौंह से ऊपर नहीं हो सकती)
इसका अर्थ है कि कोई भी व्यक्ति अपने प्राकृतिक या सामाजिक स्थान से ऊपर नहीं उठ सकता। यह विनम्रता और स्वाभाविक सीमाओं को स्वीकार करने की शिक्षा देता है।
لقد قال المعلم: “إن العين لا تعلو على الحاجب”.
الصبر مفتاح الفرج (धैर्य राहत की कुंजी है)
यह अभिव्यक्ति धैर्य को सफलता की कुंजी के रूप में मानती है और यह सिखाती है कि मुश्किल समय में धैर्य रखने से ही राहत मिल सकती है।
قالت الأم لابنها: “الصبر مفتاح الفرج”.
القرد في عين أمه غزال (बंदर अपनी माँ की आँखों में हिरन है)
यह मुहावरा उस पक्षपात को दर्शाता है जो माता-पिता अपने बच्चों के प्रति रखते हैं, यह बताता है कि माता-पिता अपने बच्चों को हमेशा सर्वश्रेष्ठ और सुंदर मानते हैं।
تفاخرت الأم بابنها قائلة: “القرد في عين أمه غزال”.
أخذه العجل من الأذن (उसने बछड़े को कान से पकड़ा)
इसका अर्थ है कि किसी ने किसी कार्य को बहुत जल्दी और बिना सोचे-समझे किया। यह अक्सर तब प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति बिना पूर्व विचार के कोई काम करता है और इससे समस्या उत्पन्न होती है।
لقد أخذه العجل من الأذن وتسبب في مشاكل كبيرة.
يد واحدة لا تصفق (एक हाथ से ताली नहीं बजती)
यह अभिव्यक्ति सहयोग और सामूहिक प्रयासों की महत्वता को दर्शाती है। इसका अर्थ है कि कोई भी बड़ा काम अकेले करना मुश्किल है और सफलता के लिए दूसरों की मदद जरूरी है।
قال المدير: “يد واحدة لا تصفق”.
ये मुहावरें अरबी भाषा की समृद्धि और गहराई को दर्शाती हैं। इनका प्रयोग न केवल भाषा को और अधिक रोचक बनाता है, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक संदर्भों को भी समझने में मदद करता है। अरबी सीखने वालों के लिए इन मुहावरों का अध्ययन और प्रयोग उनकी भाषा की क्षमता को बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो सकता है।