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नेपाली में त्यौहार और उत्सव

नेपाल, जो अपनी विविधता और सांस्कृतिक धरोहर के लिए जाना जाता है, त्यौहारों और उत्सवों की भूमि है। यहाँ के त्यौहार न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि ये समाज की सांस्कृतिक पहचान और एकता का प्रतीक भी हैं। विभिन्न जातियों, धर्मों और समुदायों के लोग यहाँ एक साथ मिलकर त्यौहार मनाते हैं, जो उनकी एकता और भाईचारे को दर्शाता है। आइए, नेपाली में मनाए जाने वाले कुछ प्रमुख त्यौहारों और उत्सवों के बारे में जानें और उनके साथ जुड़े शब्दों को समझें।

दशैं

दशैं – नेपाली भाषा में दशैं सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्यौहार है। इसे दुर्गा पूजा या दशहरा भी कहा जाता है। इस त्यौहार के दौरान देवी दुर्गा की पूजा की जाती है और यह नौ दिनों तक चलता है।

दशैंको समयमा परिवारले एकसाथ भेला हुन्छन्।

टिका – दशैं के समय में बड़े लोग छोटे लोगों को आशीर्वाद के रूप में माथे पर टीका लगाते हैं। यह टीका चावल, दही और लाल रंग के मिश्रण से बनाया जाता है।

दशैंको बेला सबैले टिका लगाउँछन्।

जमरा – दशैं के दौरान उगाए जाने वाले पवित्र पौधे को जमरा कहते हैं। इसे देवी दुर्गा के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है।

जमरा दशैंको महत्वपूर्ण अङ्ग हो।

तिहार

तिहार – तिहार, जिसे दीपावली या यमपञ्चक भी कहा जाता है, नेपाल का दूसरा सबसे बड़ा त्यौहार है। यह पांच दिनों तक मनाया जाता है और इसमें दीप जलाए जाते हैं, घरों को सजाया जाता है और विभिन्न जानवरों की पूजा की जाती है।

तिहारको बेला घर-घरमा दीप जलाइन्छ।

काग तिहार – तिहार के पहले दिन को काग तिहार कहा जाता है। इस दिन काग (कौआ) की पूजा की जाती है और उसे भोजन दिया जाता है।

काग तिहारमा कागलाई खान दिइन्छ।

कुकुर तिहार – तिहार के दूसरे दिन को कुकुर तिहार कहा जाता है। इस दिन कुत्तों की पूजा की जाती है और उन्हें माला पहनाई जाती है।

कुकुर तिहारमा कुकुरलाई माला लगाइन्छ।

लक्ष्मी पूज – तिहार के तीसरे दिन को लक्ष्मी पूज कहा जाता है। इस दिन धन की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है और घरों को दीपों और रंगोली से सजाया जाता है।

लक्ष्मी पूजको दिनमा सबैले लक्ष्मीको पूजा गर्छन्।

भाई टिका – तिहार के पांचवे दिन को भाई टिका कहा जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को टीका लगाती हैं और उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।

भाई टिका तिहारको अन्तिम दिन हो।

माघे संक्रांति

माघे संक्रांति – यह त्यौहार माघ महीने के पहले दिन मनाया जाता है और इसे सूर्य के उत्तरायण की ओर जाने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन विशेष प्रकार के भोजन जैसे तिल के लड्डू, चावल और दही का सेवन किया जाता है।

माघे संक्रांति स्वस्थ भोजनको प्रतीक हो।

तिल – तिल माघे संक्रांति के दौरान खाया जाने वाला मुख्य खाद्य पदार्थ है। इसे विभिन्न मिठाइयों में उपयोग किया जाता है।

माघे संक्रांति तिलको पर्व हो।

चाकु – चाकु एक प्रकार की मिठाई है जिसे गुड़ से बनाया जाता है और माघे संक्रांति के दिन खाया जाता है।

चाकु माघे संक्रांति विशेष मिठाई हो।

होली

होली – होली रंगों का त्यौहार है जो नेपाल में भी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग एक-दूसरे पर रंग और पानी डालते हैं और मिलजुल कर उत्सव मनाते हैं।

होलीको दिन सबैले रंग खेल्छन्।

गुलाल – होली के दौरान उपयोग किए जाने वाले रंगीन पाउडर को गुलाल कहा जाता है। इसे चेहरे और शरीर पर लगाया जाता है।

होलीमा गुलालले सबै रंगिन्छन्।

पिचकारी – होली के दौरान पानी डालने के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरण को पिचकारी कहते हैं।

पिचकारीले पानी खेलिन्छ।

तीज

तीज – तीज नेपाली महिलाओं का प्रमुख त्यौहार है। यह त्यौहार देवी पार्वती के सम्मान में मनाया जाता है और महिलाएँ इस दिन व्रत रखती हैं, नाचती-गाती हैं और अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करती हैं।

तीजमा महिलाहरू व्रत बस्छन्।

व्रत – व्रत का अर्थ है उपवास। तीज के दौरान महिलाएँ दिनभर बिना कुछ खाए-पीए उपवास करती हैं।

तीजको दिनमा महिलाहरू व्रत बस्छन्।

दर – तीज के पहले दिन को दर कहा जाता है। इस दिन महिलाएँ तरह-तरह के स्वादिष्ट भोजन करती हैं ताकि अगले दिन व्रत करने में उन्हें कठिनाई न हो।

दरको दिनमा महिलाहरू मिठो-मसिनो खान्छन्।

इन्द्र जात्रा

इन्द्र जात्रा – यह त्यौहार काठमांडू में मनाया जाता है और यह इन्द्र देवता के सम्मान में मनाया जाता है। इस दिन विभिन्न प्रकार के नृत्य और झाँकियाँ निकाली जाती हैं।

इन्द्र जात्रामा विभिन्न नाचहरू देख्न पाइन्छ।

लिंगो – इन्द्र जात्रा के दौरान एक लंबा खम्भा खड़ा किया जाता है जिसे लिंगो कहा जाता है। यह खम्भा इन्द्र देवता के प्रतीक के रूप में खड़ा किया जाता है।

इन्द्र जात्रामा लिंगो ठड्याइन्छ।

कुमारी – नेपाल में कुमारी को जीवित देवी माना जाता है और इन्द्र जात्रा के दौरान कुमारी की झाँकी निकाली जाती है।

इन्द्र जात्रामा कुमारीको झाँकी निक्लन्छ।

छठ

छठ – छठ पर्व सूर्य देवता की पूजा के लिए मनाया जाता है। इस त्यौहार के दौरान लोग नदियों और तालाबों के किनारे जाकर सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं।

छठको बेला सबैले सूर्यलाई अर्घ्य दिन्छन्।

अर्घ्य – अर्घ्य का अर्थ है सूर्य को जल अर्पित करना। यह छठ पर्व का एक महत्वपूर्ण अंग है।

छठको बेला अर्घ्य दिइन्छ।

सूर्यास्त – छठ पर्व के दौरान सूर्यास्त का विशेष महत्व होता है। इस समय पर सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाता है।

छठमा सूर्यास्तको बेला पूजा गरिन्छ।

गाई जात्रा

गाई जात्रा – यह त्यौहार उन लोगों की याद में मनाया जाता है जिन्होंने पिछले साल अपने प्रियजनों को खोया है। इस दिन गायों की पूजा की जाती है और लोग अपने मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।

गाई जात्रामा मृतकहरूको सम्झना गरिन्छ।

गाई – गाई जात्रा के दौरान गायों की पूजा की जाती है क्योंकि गाय को पवित्र माना जाता है और यह यमराज के द्वार की प्रतीक मानी जाती है।

गाई जात्रामा गाईलाई पूजा गरिन्छ।

यात्रा – गाई जात्रा के दौरान विभिन्न प्रकार की यात्राएँ निकाली जाती हैं जिनमें लोग अपने प्रियजनों की याद में भाग लेते हैं।

गाई जात्रामा यात्रा निक्लन्छ।

नेपाल में त्यौहार और उत्सव केवल धार्मिक महत्व नहीं रखते, बल्कि ये सामाजिक और सांस्कृतिक एकता के प्रतीक भी हैं। इन त्यौहारों के दौरान लोग एक-दूसरे के साथ मिलकर समय बिताते हैं, खुशियाँ बाँटते हैं और सांस्कृतिक धरोहर को संजोते हैं। नेपाली त्यौहारों का महत्व और उनकी विशिष्टता ही उन्हें विशेष बनाती है।

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