परिचय:
आदिज्यित वस्तुऐं, प्राणी, व्यक्तियाँ, स्थान, व्यक्तिगतताएं या आवस्था आदि को वर्ण से स्पष्ट करने वाले शब्द को विशेषण कहा जाता है। वर्ण के आदान प्रदान करने से उन वस्तुओं, प्राणियों, भावनाओं या गुणों का वर्णन किया जाता है जिन्हें जगह, समय, स्थान और संघर्ष आदि के प्रतिस्पर्धात्मक तरीके से व्यक्त किया जा सकेगा। इसलिए, विशेषण वाक्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और पाठक को समझने में मदद करते हैं कि मुख्य विषय के संबंध में किसी चीज़ का विवरण कर रहे हैं। इस लेख में हम इंग्लिश व्याकरण में विशेषणों के गठन के विभिन्न प्रकारों को समझेंगे।
उपविभाजन के माध्यम से विशेषण गठन:
1. -ful या -full : इस प्रकार के समासिक शब्दों में से एक है कि रूप के आधार पर बनाये गए विशेषण। इन समासों में जोड़ी गई दोनों शब्दों को, रूप के आधार पर मिलके या होते हुए साथ में पाया जाता है जिससे नया शब्द बनाया जा सकता है। इस प्रकार के विशेषणों में किसी वस्त्र, चीज़, गुण या स्थिति को फील किया जाता है।
उदाहरण: ब्यूटीफुल (सुंदर), वेंडरफुल (हार्रतावशी अद्भुत), देलाइटफुल (मनोहारी)
2. -less : इस प्रकार के विशेषणों को उन वस्तुओं या स्थितियों के लिए उपयोग किया जाता है जिनमें कुछ नहीं होता है या छूट जाता है। यह विशेषणों की एक समूह है जिसमें हम यह प्रकार के समानार्थी शब्दों को प्रयोग करते हैं जैसे कि विथाउट (बिना) या विथाउट (के बिना)।
उदाहरण: डानलेस (अशांत), कॉलरलेस (दबसे हुए), फिंगरलेस (उंगली का)
3. -able या -ible : इस प्रकार के विशेषणों को किसी क्रिया के सम्पन्न होने की क्षमता या संभावना को दर्शाने के लिए उपयोग किया जाता है। ये शब्द अक्सर ई आवाज से समासिक रूप में बनाए जाते हैं।
उदाहरण: चूज़अबल (जिसे नुकसान नहीं पहूंचा जा सके), सिक्योरएबल (सुरक्षित), डॉक्टर ने रेकवर होने के लिए संभव कराया।
विभाजक समास से विशेषण गठन:
1. दोनों शब्दों के मिलन के द्वारा: इस प्रकार के विशेषणों में, एक प्रकरण या क्रिया और एक स्थान, दिशा, भावना या गुण के विधान को संबंधित अर्थ में जोड़कर विशेषण गठित किया जाता है।
उदाहरण: सोनलिस्ट (गुलाबी), रेडब्रिक (लाल), मुटास्याप (कमजोर)
2. सुपरलेटिवस का प्रयोग करके: इस प्रकार के विशेषणों में, सुपरलेटिवेस की उत्पत्ति की जगह पर विशेषण गठित किया जाता है।
उदाहरण: द बेस्ट (सबसे अच्छा), द स्मार्टेस्ट (सबसे चतुर), द स्लोवेस्ट (सबसे धीमा)
3. संख्यावाचक समास के द्वारा: इस प्रकार के विशेषणों में एक संख्या शब्द और एक विशेषणीय नाम युक्त होते हैं और इसका अर्थ क्रमबद्धता दर्शाता है।
उदाहरण: फर्स्ट क्लास (पहले दर्जे का), तर्टीय (तीसरा), टेंथ (दसवां)
तद्व्यय समास से विशेषण गठन:
1. जन्मदिन के कारण: इस प्रकार के विशेषणों में, विशेषण एक के बाद एक पचासवे विषेषण द्वारा बनाये जाते हैं जो इस तरह होते हैं कि पहला तद्व्यय विशेषण संज्ञा का गुण को दिखाता है, और दूसरा तद्व्यय विशेषण संज्ञा का विशेषण करता है।
उदाहरण: बीग ब्राउन (बड़ा भूरा), ईविल स्माइल (खैंचता मुस्कान), ग्रेट अस्क (महान सवाल)
2. संख्यावाचक तद्व्यय समास: इस प्रकार के विशेषणों में, एक मुख्यतया ज्यादतर संख्यावाची संज्ञा और एक फ़ेटोल शब्द का पदार्थिक व्यापार करते हुए विशेषण बनाया जाता है। चार प्रकार के संख्यावाचक तद्व्यये होते हैं- संकेतावचक, क्रमांकावचक, हर्फवाचक और हैश हॉया तथ्यावचक।
उदाहरण: वन ट्राय (एक पेड़), सेवन वन (सबसे पहला), अब्सोर्बेंट वन पॉन्ड
समास से विशेषण गठन:
1. विशाषंज्ञा समास: इस प्रकार के विशेषणों में, विशेषण और संज्ञा के योग से बनाये जाते हैं और व्यापार करते हुए विशेषण न्यूनता, गुण, स्थिति या भावना का वर्णन करते हैं।
उदाहरण: लंबी रात (लम्बी रात भरी), मजबूत असाधरण (बहुत ही सामर्थ्यवत्ता), सपनो का राजा (जिसे यहां सपने दिखाए गए हैं)
2. टत्सम समास: ये विशेषण टत्सम शब्दों से बने होते हैं जो संज्ञा और विशेषण में व्यापार करते हैं।
उदाहरण: पुनर्ज्जीवित (जिसे फिर से जीत दिया गया हो, नया जीवन प्राप्त किया हो गया हो), ज्ञान-विभाजक (ज्ञान को विभाजित करने वाला), सर्वाधिक सम्माननीय (सर्वाधिक माननीय)
संज्ञावाची तत्सम समास से विशेषण गठन:
इस प्रकार के विशेषणों में, विशेषण और संज्ञावाची तत्सम संज्ञा सटीक शब्दार्थ में जोड़कर गठित होते हैं।
उदाहरण: तारामय (तारों से भरपूर), भूहारेखा (भू की रेखा, कक्षा), पंकाभेषज (मूढ़ी हुई औषधि)
2. अव्ययीभाव समास: ये विशेषण अव्ययीभाव शब्दों से बने होते हैं जो विशेषण और विशेषणीय संज्ञा में व्यापार करते हैं।
उदाहरण: आपरन्युटी (तुरंत कर देनेवाला), ज्योतिष्मत (ज्ञानी)
संयोजन समास से विशेषण गठन:
इस प्रकार के विशेषणों में, दो संज्ञाएं और एक विशेषण या संज्ञान को संयुक्त करके विशेषण गठित किया जाता है।
उदाहरण: नवधर्मीक, बड़ी-चौड़ी, कारवाई-