कोरियाई भाषा में संवाद करने की कला उसके बुनियादी शब्दों से ही शुरू होती है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण शब्द होते हैं 물어보다 (무러보다) और 대답하다 (대답하다) जिनका अर्थ होता है पूछना और उत्तर देना। ये दोनों क्रियाएँ कोरियाई भाषा में संवाद के दो मुख्य स्तंभ हैं। आइये इन दोनों क्रियाओं को गहराई से समझते हैं और यह भी जानते हैं कि कैसे ये शब्द वाक्यों में प्रयोग किये जाते हैं।
물어보다 (무러보다) – पूछना
물어보다 का उपयोग किसी से कुछ पूछने के लिए किया जाता है। यह एक सक्रिय क्रिया है जिसमें पूछने वाला व्यक्ति किसी जानकारी की तलाश में होता है।
예시:
– 저는 선생님께 수업 시간이 언제인지 물어봤어요. (저는 선생님께 수업 시간이 언제인지 무러봤어요.)
“मैंने शिक्षक से पूछा कि कक्षा कब है।”
– 친구에게 어디에서 만날지 물어볼게요. (친구에게 어디에서 만날지 무러볼게요.)
“मैं अपने दोस्त से पूछूंगा कि कहाँ मिलेंगे।”
대답하다 (대답하다) – उत्तर देना
대답하다 का प्रयोग जब कोई उत्तर देता है तो किया जाता है। यह क्रिया तब सक्रिय होती है जब व्यक्ति को दिये गए प्रश्न का उत्तर देना होता है।
예시:
– 선생님이 수업 시간은 3시라고 대답했어요. (선생님이 수업 시간은 3시라고 대답했어요.)
“शिक्षक ने उत्तर दिया कि कक्षा तीन बजे है।”
– 친구가 우리는 공원에서 만날 거라고 대답했어요. (친구가 우리는 공원에서 만날 거라고 대답했어요.)
“दोस्त ने उत्तर दिया कि हम पार्क में मिलेंगे।”
물어보다 और 대답하다 का प्रयोग
जब कोरियाई में संवाद करना होता है, तो 물어보다 और 대답하다 का उपयोग बहुत महत्वपूर्ण होता है। ये दोनों क्रियाएँ संवाद के आधार होती हैं। एक व्यक्ति कुछ पूछता है, और दूसरा उसका उत्तर देता है।
इस प्रकार के संवाद से न केवल जानकारी का आदान-प्रदान होता है, बल्कि यह संबंधों को भी मजबूत करता है। यह सीखने की प्रक्रिया में भी मदद करता है, क्योंकि जब आप किसी से पूछते हैं और वह उत्तर देता है, तो आप नई जानकारियाँ सीखते हैं।
सारांश
물어보다 और 대답하다 कोरियाई भाषा में दो बहुत ही महत्वपूर्ण क्रियाएँ हैं, जो किसी भी संवाद के लिए आवश्यक हैं। इन्हें समझना और सही प्रकार से प्रयोग करना कोरियाई भाषा के संवाद में महारत हासिल करने की दिशा में पहला कदम हो सकता है।