हिंदी भाषा में सर्वनाम का प्रयोग अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, और इनमें से दो सर्वनाम ‘यह’ और ‘वह’ विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। ये दोनों सर्वनाम किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान अथवा विचार को संदर्भित करते हैं, लेकिन उनके प्रयोग में भिन्नता होती है जो कि संदर्भ की निकटता पर निर्भर करती है। इस लेख में हम ‘यह’ और ‘वह’ के प्रयोग को विस्तार से समझेंगे और उदाहरणों के माध्यम से इसे और भी स्पष्ट करेंगे।
यह का प्रयोग
यह शब्द का प्रयोग तब किया जाता है जब संदर्भित वस्तु या व्यक्ति वक्ता के निकट होता है। इसका उपयोग उस समय होता है जब वक्ता को उस वस्तु या व्यक्ति की निकटता का अनुभव होता है।
यह किताब मेरी है।
यह गाना मुझे पसंद है।
मैं यहाँ खड़ा हूँ।
वह का प्रयोग
वह का प्रयोग तब होता है जब संदर्भित वस्तु या व्यक्ति वक्ता से दूर हो। यह दूरी भौतिक हो सकती है या भावनात्मक/विचारगत भी हो सकती है।
वह मकान बहुत बड़ा है।
वह कल मेरे साथ था।
वह समय अब चला गया।
संदर्भ की निकटता
संदर्भ की निकटता ‘यह’ और ‘वह’ के प्रयोग में मुख्य रूप से निर्णायक होती है। यदि वक्ता जिस वस्तु या व्यक्ति का उल्लेख कर रहा है, यदि वह वक्ता के साथ या निकट है, तो ‘यह’ का प्रयोग होता है। इसके विपरीत, यदि वस्तु या व्यक्ति वक्ता से दूर है, तो ‘वह’ का प्रयोग किया जाता है।
वाक्य रचना में यह और वह
वाक्य रचना में यह और वह का प्रयोग कई बार भ्रमित करने वाला हो सकता है। यह समझने के लिए कि कब कौन सा सर्वनाम प्रयोग करना है, वक्ता को संदर्भ की निकटता का विचार करना पड़ता है।
उदाहरणों के माध्यम से समझाना
यह बात समझने के लिए कि ट्रेन स्टेशन कितना दूर है, मैंने पूछा, “यह ट्रेन स्टेशन कितनी दूर है?”
जबकि वह बात जो मैंने कल सुनी थी, उसे मैंने यूं कहा, “वह बात क्या थी?”
इस तरह, ‘यह’ और ‘वह’ का प्रयोग न केवल स्पष्टता लाता है, बल्कि वाक्य को अधिक प्रभावशाली और सटीक बनाता है। अपने हिंदी ज्ञान को बढ़ाते हुए इन सर्वनामों का सही प्रयोग करना आपके भाषा कौशल को और भी मजबूती प्रदान करेगा।