पर्यावरण – यह शब्द उस सारे क्षेत्र को दर्शाता है जिसमें जीवित प्राणी रहते हैं और जिसके घटक जैसे कि वायु, जल, भूमि, जीव-जंतु आदि हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं।
हम सभी को मिलकर पर्यावरण की सुरक्षा करनी चाहिए।
संरक्षण – इसका अर्थ है किसी चीज़ को नुकसान से बचाना या सुरक्षित रखना।
वनों का संरक्षण करना आवश्यक है ताकि पर्यावरण संतुलित रहे।
प्रदूषण – यह वातावरण में हानिकारक और जहरीले पदार्थों की मौजूदगी का नाम है, जो स्वास्थ्य और पारिस्थितिकी तंत्र के लिए खतरनाक होते हैं।
फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआँ प्रदूषण का मुख्य कारण है।
रीसाइक्लिंग – यह प्रक्रिया अपशिष्ट मटेरियल को पुनः प्रयोग में लाने की क्रिया है, जिससे नए उत्पाद बनाए जा सकें।
कागज की रीसाइक्लिंग से कई पेड़ों को काटने से बचाया जा सकता है।
जैव विविधता – यह शब्द विभिन्न प्रकार के जीवों, पौधों, जानवरों, कवक और माइक्रोआर्गेनिज़्म की विविधता को बताता है।
हमारी धरती की जैव विविधता हमें कई जरूरी संसाधन प्रदान करती है।
स्थायित्व – यह वह अवधारणा है जिसमें प्राकृतिक संसाधनों का ऐसे इस्तेमाल किया जाता है जिससे वे भविष्य के लिए भी उपलब्ध रहें।
स्थायित्व के लिए हमें अपने संसाधनों का सोच-समझकर उपयोग करना चाहिए।
विलुप्त होना – यह किसी प्रजाति के अस्तित्व का पूरी तरह से समाप्त हो जाना है।
कई जानवरों की प्रजातियाँ मानवीय हस्तक्षेप के कारण विलुप्त हो रही हैं।
नवीकरणीय संसाधन – ये ऐसे संसाधन हैं जो प्राकृतिक रूप से पुनः उत्पन्न हो सकते हैं जैसे कि सूर्य की रोशनी, हवा इत्यादि।
नवीकरणीय संसाधनों का उपयोग करने से हमारा पर्यावरण सुरक्षित रह सकता है।
ऊर्जा संरक्षण – यह उस प्रक्रिया का नाम है जिसमें ऊर्जा का कम से कम व्यय करते हुए अधिकतम लाभ उठाया जाता है।
ऊर्जा संरक्षण के लिए हमें बिजली का उपयोग सोच-समझकर करना चाहिए।
पारिस्थितिकी तंत्र – यह जीवों और उनके अजैविक परिवेश के बीच आपसी संबंधों का वर्णन करता है।
पारिस्थितिकी तंत्र का संतुलन बनाए रखना पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण है।
ये शब्द और उनके अर्थ हमें पर्यावरण संरक्षण के महत्व को समझने में मदद करते हैं और हमें यह भी बताते हैं कि कैसे हम अपने आस-पास के पर्यावरण को सुरक्षित रख सकते हैं।