तीसरी अवस्थानुशासी शर्त प्रयोग
अंग्रेजी व्याकरण में शर्त वाक्यों का विशेष अध्ययन होता है। शर्त वाक्य वे वाक्य होते हैं जो किसी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष स्थिति की संभावना को व्यक्त करते हैं। अंग्रेजी व्याकरण में, व्यक्तित्व और क्रम के अलावा शर्त वाक्यों की एक विशेष प्रकार होती है, जिसे “तीसरी अवस्थानुशासी शर्त” कहा जाता है। इस लेख में, हम “तीसरी अवस्थानुशासी शर्त” की समीक्षा करेंगे और इसे समझने के लिए उदाहरण देंगे।
तीसरी अवस्थानुशासी शर्त का परिचय
“तीसरी अवस्थानुशासी शर्त” का उपयोग किसी संभावित पूर्ववत परिणाम का वर्णन करने के लिए किया जाता है। यह शर्त वाक्य ऐसी स्थिति को व्यक्त करता है जो अपने पूर्ववत परिणाम के बाद होती है। यह शर्त “if” (अगर) के साथ प्रदर्शित की जाती है और साधारणतः “would have” (होता) के साथ प्रयुक्त होती है।
यदि हम किसी घटना के पूर्ववत परिणाम के बारे में बात करते हैं जो हमने नहीं किया होता, तो हम “तीसरी अवस्थानुशासी शर्त” का उपयोग करते हैं। इसमें हम पाठक को भविष्य के बारे में सोचने के लिए प्रेरित करते हैं।
तीसरी अवस्थानुशासी शर्त के उदाहरण
इस विभाग में, हम कुछ उदाहरण देखेंगे जो “तीसरी अवस्थानुशासी शर्त” की प्रतिष्ठा करते हैं:
उदाहरण 1:
यदि मैंने ज्यादा पढ़ाई की होती, तो मैं परीक्षा में सफल होता।
उदाहरण 2:
अगर हम उस पार्टी में जा सकते, तो हम मजा करते।
उदाहरण 3:
यदि मैं यात्रा पर जा सकता, तो मैं पर्वतारोहण की यात्रा करता।
इन उदाहरणों में, “तीसरी अवस्थानुशासी शर्त” संभावित पूर्ववत परिणाम को व्यक्त करती है। यदि पहले ही कार्य किया जाता, तो यह परिणाम होता। इन वाक्यों में भविष्य को बताने के लिए ही हम “तीसरी अवस्थानुशासी शर्त” का उपयोग करते हैं।
तीसरी अवस्थानुशासी शर्त वाक्य का संरचना
“तीसरी अवस्थानुशासी शर्त” वाक्यों का संरचना निम्न माध्यम से बना होता है:
- यदि + गतकाल के वाक्यांश (If + Past Perfect clause)
- भविष्य के वाक्यांश (Would have + Verb) + पूर्ण क्रिया
यदि हमने प्रतिस्पर्धी परीक्षा दी होती, हम परीक्षा में जीत गए होते।
यदि + हमने प्रतिस्पर्धी परीक्षा दी होती (If + we had taken the competitive exam)
हम परीक्षा में जीत गए होते (We would have won the exam)
इस वाक्य में, पहला वाक्यांश इतने अधि काल (“हमने प्रतिस्पर्धी परीक्षा दी होती”) में गतकाल को व्यक्त कर रहा है। दूसरा भाग पूर्ववत परिणाम को व्यक्त करता है जो अस्तित्व में नहीं है।
तीसरी अवस्थानुशासी शर्त की उदाहरण
नीचे कुछ उदाहरण दिए गए हैं जो “तीसरी अवस्थानुशासी शर्त” की समीक्षा करते हैं:
उदाहरण 1:
यदि मैंने अधिक अभ्यास किया होता, अच्छे अंक प्राप्त किए होते।
यहां, हम ज्ञाति के एक स्तर पर विचार कर रहे हैं जहां प्रतियोगी परीक्षा पूरा करते समय प्रतिस्पर्धा का मुकाबला होता है।
खासकर यदि हम सोचें कि हमने अधिक अभ्यास किया होता तो हम अच्छे अंक प्राप्त कर सकते थे।
उदाहरण 2:
भविष्य में बेहतर स्वास्थ्य के लिए यदि हम नियमित व्यायाम करते होंगे, हम तंदुरुस्त रहते।
इस उदाहरण में, हम एक अवकाशी योजना के बारे में सोच रहे हैं जिसमें नियमित अकाउंटसे व्यायाम किया जाना चाहिए। उपयोगकर्ता आगामी समय का विचार कर रहा है जब अवकाश सक्रिय है।
उदाहरण 3:
यदि राष्ट्रीय सिरमुरग संगठन अपने प्रयासों को गहराए, तो हमारे देश में बन्दरों की संख्या बढ़ती।
यहां, हम एक संरक्षण कार्यक्रम के लिए सोच रहे हैं जिसका उद्देश्य संरक्षित क्षेत्रों में एक खास प्रजाति संगठित करना है।
यह वाक्य व्यक्त करता है कि यदि राष्ट्रीय संगठन संरक्षण हितों के समर्थन में अपना संबंधित प्रयास बढ़ाता, तो उसके परिणामस्वरूप बंदरों की संख्या में वृद्धि होगी।
इन उदाहरणों में, हम “तीसरी अवस्थानुशासी शर्त” का उपयोग करके या विभिन्न प्रयोजनों को प्रस्तुत करते हैं।
तीसरी अवस्थानुशासी इस्तेमाल के अन्य तरीके
“तीसरी अवस्थानुशासी शर्त” को बनाने के लिए “if” के माध्यम से अन्य शर्त शब्दों का भी उपयोग किया जा सकता है। कुछ प्रमुख तरीके निम्नानुसार हैं:
- जब यदि (when if)
- यदि केवल (if only)
- यदि नहीं (if not)
- अगर नहीं होता (if it had not been)
यहाँ, कई उदाहरण हैं जिनमें इन शब्दों को उपयोग करके “तीसरी अवस्थानुशासी शर्त” की व्याख्या की गई है:
उदाहरण 1:
जब यदि वाल्यू शान्तिपूर्वक बढि़ती है, तो साझाकरण की दर में वृद्धि होती है।
उदाहरण 2:
यदि केवल आप कहीं अपना हौसला बढ़ाते, तो आप सफल होतें।
उदाहरण 3:
अगर नहीं मेरे दोस्त समय पर आते हुए, मुझे बोरियो से छुटकारा मिलता।
उदाहरण 4:
यदि आप नहीं थकान, तो हम ज्यादा लंबे घूमने जा सकते।
यहां, इन उदाहरणों में “तीसरी अवस्थानुशासी शर्त” को शून्य तक नहीं दिया जा रहा है और इसे विभिन्न प्रयोजनों के अनुकूल प्रदर्शित किया जा रहा है।
तीसरी अवस्थानुशासी शर्त की उपयोगिता
“तीसरी अवस्थानुशासी शर्त” का उपयोग करके वाक्यांशों में वर्तमान और भूतकाल के बाह्य दुनिया के साथ हमारे वर्तमान अवस्था की तुलना की जा सकती है। यह हमें गहरी विचारशीलता देता है कि आवश्यकता और वास्तविकता दोनों क्या हैं। “तीसरी अवस्थानुशासी शर्त” का उपयोग विवरणों, हवा, योजनाओं और निर्णयों के प्रस्तावों के आधार पर किया जाता है।
उपयोगकर्ताओं ने इसकी परिकल्पित प्रयोगशैली के बारे में विचारशील होकर यह देखने की कोशिश की है कि उन्हें यह क्या चाहिए और क्या हो सकता है। यह उन्हें भविष्य की आशा दिला सकता है और सोचने की प्रेरणा प्रदान कर सकता है।
निष्कर्ष
तो, “तीसरी अवस्थानुशासी शर्त” एक अहम अंग्रेजी व्याकरणीय लक्ष्य का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इसका उपयोग हमें वर्तमान इच्छाओं और वास्तविकता के बीच एक विचारशील त्राय करने में मदद करता है। “तीसरी अवस्थानुशासी शर्त” का उपयोग विभिन्न प्रयोजनों के अनुकूल किया जा सकता है और हमें भविष्य के बारे में सोचने के लिए प्रेरित करता है।
इन्फिनिटिव “तीसरी अवस्थानुशासी शर्त” की सटीक पहचान करने के बाद हम अपने लिए एक उदाहरण चुन सकते हैं और उसे समझने और उपयोग करने के लिए अभ्यास कर सकते हैं।